बबूल के फायदे और नुकसान Secrets





बबूल के गोंद को घी में तलें। इसको खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है।

जिन लोगों को स्किन एलर्जी या स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें भी ग्वार फली का सेवन करने से बचना चाहिए।

आयुर्वेद, प्राकृतिक उपचार और स्वास्थ्य

टूटी हुई हड्डी / babul Added benefits for broken boneइसके बीजों के चूर्ण को शहद के साथ चटाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ती है।

ब्लैकहेड्स और दाने हटाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि पूरी तरह गलत है. टूथपेस्ट से चेहरे पर इंफेक्शन और इरिटेशन बढ़ सकती है.

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यह बबूल की प्रजाति का पेड़ है। यह छोटा वृक्ष होता है, जिसमें कांटे होते हैं। इसकी छाल पतली तथा गहरे भूरे रंग की होती है। पुराना हो जाने पर काले रंग के हो जाती है। इसके पौधे से रस निकलता है, जिसका प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।

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जूस

बबूल के पत्ते तथा तने की छाल का काढ़ा बनाकर आंखों को धोएं। इससे आंंखों की अन्य बीमारी भी ठीक हो जाती है।

बबूल के पत्ते के रस को छाछ में मिलाकर पिलाने से हर प्रकार के दस्त पर रोक लगती है।

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यह लम्बा, झाड़ीदार और कांटेदार वृक्ष होता है। इसके कांटे लम्बे तथा तीखे होते हैं। इसके पत्ते बबूल के पत्तों जैसे होते हैं, लेकिन उससे कुछ बड़े और गहरे हरे रंग के होते है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी फलियां लम्बी होती हैं। फलियां कच्ची अवस्था में हरे रंग की, चपटी तथा मुड़ी हुई होती हैं।

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